मैं सोचा करती थी अक्सर की मेरी दुआएंँ खुदा को कबूल नहीं होती..। "पर शायद " यह मेरी दुआएंँ ही तो हैँ... कि दुनियाँ की कोई बलाये उन्हें छू भी नहीं पाती... "दूर से गुजर जाया करती हैँ " क्योंकि.. " मैंने दुआँ में खुदा से यही दुआँ माँगा के उनकी दुआएँ खुदा कबूल करें। हर बलाओ से... हर गमों.. से हमेशा मेरा खुदा उन्हें महफूज रखें। खुदा क्या मेरी एक और दुआँ कबूल करोगे...? उन्हें वो सबकुछ देदो जो वो चाहे और मुझसे छीन लो उनकी सारी यादें और मेरे दिल से उनका सारा प्यार..। @prabha lakesh#meri dayri se 06.08.2020 #prar#मोह्हबत#दुआ