#मैं वहीं पर खड़ा तुम को मिल जाऊंगा
जिस जगह जावोगे तुम मुझे छोड़ कर ।
जब भी भीगोने लगे तुम्हें बारीस की बुन्दे
सोच लेना याद कर हूँ मैं तुम्हें
जब भी हो जाओ बैचेन तुम
सोच लेना आँख खोल के सो रहा हूँ मैं
ठहर जाना तुम वहीं पर , जहाँ पहली बार मिले हम और तुम
पत्ते पीपल के हिलने लगे , सोच लेना बुला रहा हूँ मैं करीब तुम्हें । #कविता