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इश्क का क्या है वो तो हमेशा लुटता रहा सरेआम यहां आ

इश्क का क्या है वो तो हमेशा लुटता रहा सरेआम यहां
आज़ाद तो अय्याशियां थी जिसने तख्तो ताज लूट लिये

#माधवेन्द्र_फैजाबादी
इश्क का क्या है वो तो हमेशा लुटता रहा सरेआम यहां
आज़ाद तो अय्याशियां थी जिसने तख्तो ताज लूट लिये

#माधवेन्द्र_फैजाबादी