जीत_हार कभी विश्व के किसी भाग में जब भी होती जंग प्रतिद्वंद्वी हो चाहें दुश्मन या अपनो के संग घाव किसी को गहरा मिलता किसी की जाती जान कोई अपाहिज बन जाता है कट जाते हैं अंग कोई चीखता दर्द के मारे लहू की बहती धार खाते कौए चील मजे से मानवता है दंग जीत हार में से ही बेखुद कोई मिलती एक लेकिन क्षति इतनी तो जाती दिल को करती तंग ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #जीत_हार