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जिसे कहते थे कभी अपने वे सब बेगाने हो गए जिसे गुनग

जिसे कहते थे कभी अपने वे सब बेगाने हो गए
जिसे गुनगुनाया करते थे हरदम वो अब नए तराने हो गए
जहां सजती थी कभी हंसी - ठिठोली की महफ़िल 
लगता है अब वो सारे  गुजरे ज़माने हो गए।

©Deepnarayan Upadhyay
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#mahfil
#apnebegane