आज नहीं बूँदें हैं केवल आज मूसलाधार हुई है स्नेह लिए उन्मुक्त गगन से पावस की बौछार हुई है हल्की ठण्डक भी हुई आज किसलय का तन हर्षाया है वसुधा के आँचल में फिर से वर्षा की भीषण मार हुई है | #वर्षा