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मौन की आवाज गूंजती हैं शायद तभी तो किसी के जाने का

मौन की आवाज गूंजती हैं शायद
तभी तो किसी के जाने का अहसास है।
किसी के गुम होने का गम है।
बोल कर अहमियत करते हम कम
सन्नाटो की सरसराहट से सिहर उठते हम।
जो संभाल सको हमारी नादानियां तो ठीक
वरना इन थपेड़ों में उलझ गुम हो जाएंगे।
आवाज देने पर भी शायद हम लौट ना पाएंगे।
दर्द सहते सहते पत्थर से होगए है हम।
तरासते कारीगर भी कारगर ना हो पाएंगे।
पाषाण की तरह स्थिर हो गुम हो जाएंगे।
आवाज देने पर भी ना सुन पाएंगे। #स्टोन
मौन की आवाज गूंजती हैं शायद
तभी तो किसी के जाने का अहसास है।
किसी के गुम होने का गम है।
बोल कर अहमियत करते हम कम
सन्नाटो की सरसराहट से सिहर उठते हम।
जो संभाल सको हमारी नादानियां तो ठीक
वरना इन थपेड़ों में उलझ गुम हो जाएंगे।
आवाज देने पर भी शायद हम लौट ना पाएंगे।
दर्द सहते सहते पत्थर से होगए है हम।
तरासते कारीगर भी कारगर ना हो पाएंगे।
पाषाण की तरह स्थिर हो गुम हो जाएंगे।
आवाज देने पर भी ना सुन पाएंगे। #स्टोन