पहली हर चीज़ की बात हमेशा कुछ अलग है क्योंकि पहला न हो दूसरा नहीं होता, दूसरा न हो तो तीसरा, इसीलिए पहला कदम ही जिंदगी भर रास्ते में मिलने वाली मंजिलें तय कर दिया करता है। पहली बार के बाद हम बस अपने आप को दोहराते है और हर बार दोहराने में बस वो पहली बार ढूँढते है। जिंदगी के इस सफरनामे में कई बार हम दोहराते-दोहराते या तो थक जाते है या ऊब जाते है। लेकिन जब भी आज से माझी (अतीत) की तुलना करते वक्त खुद का जायजा लेते है तो पाते है कि हम खुद से कितने ज्यादा दूर निकल आये है। और ये खुद से खुद को अलग करने की ये प्रक्रिया इतनी तेज होती है कि खुद को समझना और समझाना दोनों ही मुश्किल हो जाता है। जिंदगी में कोई भी पहली शुरूआत कब हिचकिचाहट से शुरू होकर बदलाव की पहली पहल, कारण और माध्यम बन जाती है, पता ही नहीं चलता। #डायरी_के_पन्नों_से। ©radha jatav #डायरी_के_पन्नों_से। #walkingalone