एक मुलाक़ात का मुंतज़िर है 'सफ़र', जब चाहे मिल लेना इस दहर में न सही किसी और दहर में मिल लेना अभी तो आगाज़ ए सफ़र है इश्क़ का, ये थमेगा नहीं इस जन्म में न सही तो किसी और जन्म में मिल लेना 🌝प्रतियोगिता-45 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"एक मुलाक़ात"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I