भलाई कर यहाँ कोई तो अब ऐसे दिखाता है कि एफ बी और डी पी पे वो सब फ़ोटो लगाता है चिरागों को बचा कर रोज़ रखता हूँ हवाओं से मगर इन आंधियों को कौन मेरे घर बुलाता है बिना कोई वजह अक्सर ही जब नाराज़ होता हूँ बड़ा आराम आता है गले लग तू मनाता है निकल कर मेरे ख़्वाबों से उतर आता है पन्नो पे सुखन का ये हसीं रस्ता उसे तो खूब भाता है छुपे रहते है सारे रंग देखो एक इंसां में कई मौकों पे गिरगिट को भी पीछे छोड़ जाता है बड़े होने का अपने फ़र्ज़ वो ऐसे निभाता है कि सूरज डूब कर भी चाँद को रोशन बनाता है बिना मर्ज़ी यहाँ तेरी कोई पत्ता नहीं हिलता गुमां इंसां को उस पर ये वही दुनिया चलाता है 1222*4 #yqbaba #yqdidi #life #bestyqhindiquotes #vishalvaid #विशाल वैद Thanks every one for their pokes... It seems like eternity For better reading