रास्ते के चोर अब दरबान होने वाले’ हैं, केस हैं जिन पर लदे दीवान होने वाले हैं। मुफलिसी दिखती नहीं है रहनुमाओं को यहांँ, पत्थरों के जैसे ही इंसान होने वाले हैं। मारने के वास्ते मांँगे हमीं से जो कभी, जान के दुश्मन वही वरदान होने वाले हैं। चल रहा है चाल पर चालें शिकारी इन दिनों, मांस हड्डी खाल सब कुछ दान होने वाले हैं। शेर अब पुचकारता है भेड़ मृग खरगोश को, जंगलों में लग रहा मतदान होने वाले हैं। रक्त पीने को पिपासू ‘मन’ यहांँ मानव हुए, कुछ दिनों में ये शहर शमशान होंने वाले हैं। #ग़ज़ल_मन #मौर्यवंशी_मनीष_मन #सियासत #rajnicollabs #yqdidi #yqhindi #yqbhaijan