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" तेरी मौजूदगी का कुछ तो पता हो , जहां मैं तुझ से

" तेरी मौजूदगी का कुछ तो पता हो ,
जहां मैं तुझ से मिल सकु बार-बार हरबार ,
तेरे यादों से सबे-हिज़्र का काम नहीं चल रहा ,
तेरा मेरा कोई आसिया का मुकाम तो हो ." 

                          --- रबिन्द्र राम " तेरी मौजूदगी का कुछ तो पता हो ,
जहां मैं तुझ से मिल सकु बार-बार हरबार ,
तेरे यादों से सबे-हिज़्र का काम नहीं चल रहा ,
तेरा मेरा कोई आसिया का मुकाम तो हो ." 

                          --- रबिन्द्र राम

#मौजूदगी #यादों #सबे-हिज़्र #आसिया #मुकाम
" तेरी मौजूदगी का कुछ तो पता हो ,
जहां मैं तुझ से मिल सकु बार-बार हरबार ,
तेरे यादों से सबे-हिज़्र का काम नहीं चल रहा ,
तेरा मेरा कोई आसिया का मुकाम तो हो ." 

                          --- रबिन्द्र राम " तेरी मौजूदगी का कुछ तो पता हो ,
जहां मैं तुझ से मिल सकु बार-बार हरबार ,
तेरे यादों से सबे-हिज़्र का काम नहीं चल रहा ,
तेरा मेरा कोई आसिया का मुकाम तो हो ." 

                          --- रबिन्द्र राम

#मौजूदगी #यादों #सबे-हिज़्र #आसिया #मुकाम

" तेरी मौजूदगी का कुछ तो पता हो , जहां मैं तुझ से मिल सकु बार-बार हरबार , तेरे यादों से सबे-हिज़्र का काम नहीं चल रहा , तेरा मेरा कोई आसिया का मुकाम तो हो ." --- रबिन्द्र राम #मौजूदगी #यादों #सबे-हिज़्र #आसिया #मुकाम