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1. जब इन्सान के भाग्य का वह भाग जिसमें सुकर्म होत

1. जब इन्सान के  भाग्य का वह भाग जिसमें सुकर्म
होता है उसे सौभाग्य कहा जाता है और जिस भाग
में कुकर्म होता है उसे दुर्भाग्य कहा जाता है।  

2. वह संतान भाग्यशाली होता है जिसे माता-पिता की
सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है और जिस संतान
को माता-पिता की वृद्धा अवस्था में सेवा करने का मौका
मिले वह सौभाग्यशाली होता है।

3. पिता पतितो भला अर्थात पिता पतित भी है तो भला है
ऐसा इसलिए कहा जाता कि वह पतित होते हुए भी अपनी संतान को पालने और रक्षा करने के धर्म को 
निभाता है।

4. अपने माता-पिता  की आत्मा को दुख देने से बड़ा पाप
संसार में कोई नहीं।

©नागेंद्र किशोर सिंह
  # जानो।