" रोज तेरे ख्यालों से रु-ब-रू होना अच्छा लगता हैं , ये दिल की हसरतें तुझमें कहीं सच्चा लगता हैं , तेरे होने का मतलब मैं खुद ढुंढता हूं ऐसे में , कुछ लफ्ज़ कुछ ख्याल हो रोज़ इसे जिन्दा करते हैं " --- रबिन्द्र राम " रोज तेरे ख्यालों से रु-ब-रू होना अच्छा लगता हैं , ये दिल की हसरतें तुझमें कहीं सच्चा लगता हैं , तेरे होने का मतलब मैं खुद ढुंढता हूं ऐसे में , कुछ लफ्ज़ कुछ ख्याल हो रोज़ इसे जिन्दा करते हैं " --- रबिन्द्र राम #रु-ब-रू #हसरतें #सच्चा #लफ्ज़ #ख्याल #रोज़ #जिन्दा