शाम सुहानी हो जाए रात दीवानी हो जाए मौजुदगी

     शाम सुहानी हो जाए रात दीवानी हो जाए
 मौजुदगी से उसकी शहर की ये गलियां मस्तानी हो जाए
    और सब बने फ़िरते है आवारा उसके लिए
   अगर छोड़ दिया उसने गलती से ये शहर तो 
    नजाने कितने लड़के खानदानी हो जाए....

©Saurabh Patel
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