मै रहूं या ना मेरे अल्फाज कायनात में हमेशा रहेंगे।मैंने सीखों को समेटा है शब्दोै में मेरी हर सीख़ को तुमसे कहेगें। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" मै रहूं या ना रहूं।