1222 1222 122 बड़ा इससे कोई जुमला नहीं है। कि राहे- इश्क़ में धोखा नहीं है। है कहना कह दे हूँ मुश्किल में लेकिन कभी कहना नहीं रस्ता नहीं है है आदत यूँ ही हँसने की मेरी, पर समझता है जो तू वैसा नहीं है। तू मुझ पर चाहे जितना मुफ़लिसी हँस मेरी आँखों में अब सपना नहीं है। वो कहता है रखा है क्या जहां में मैं कहता हूँ बता क्या क्या नहीं है। तेरे दावे पे है दावा मेरा भी तेरा चेहरा तेरा चेहरा नहीं है। सितम ढाने से मत घबरा सितमगर मेरा भी ज़ख्म ये पहला नहीं है। #विनोद_कुमार ©vinod kumar #GoldenHour