*मुसाफिर कल भी था,* *मुसाफिर आज भी हूँ;* *कल अपनों की तलाश में था,* *आज अपनी तलाश में हूँ।* -शिवम ओरछाधाम *मुसाफिर कल भी था,* *मुसाफिर आज भी हूँ;* *कल अपनों की तलाश में था,* *आज अपनी तलाश में हूँ।* #shivamorchha