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लाइफ समय के साथ भागने लगी है,          नाकामयाबी

लाइफ समय के साथ भागने लगी है,

         नाकामयाबी किस सोच को त्यागने लगी है

मुड़ेंगे नहीं पीछे अब कभी !

         क्योंकि! सफलता की उम्मीद अब जागने लगी है।

         जोश और मेहनत के साथ शुरुआत तो करी थी,

         मगर बीच में कहीं ना कहीं कमजोर तो हुआ था मैं,

         दोस्तों को छोड़कर और परिवार से दूर,

         थोड़ा तो अपने लिए मग्रूर हुआ था मैं ।

         लेकिन बढ़ते समय के साथ भटकने नहीं दिया खुद को,

         समय की डोर के साथ बांध लिया खुद को,

         अब उम्मीदों की किरण के साथ आगे बढ़ रहा हूं,

         वादा है भटकूंगा नहीं अब कहीं किसी ओर,

         बढ़ाऊंगा कदम सिर्फ लक्ष्य की ओर।

         क्योंकि, सफलता की उम्मीद अब जागने लगी है,

         और लाइफ समय के साथ भागने लगी है। #जिंदगी Prativa Giri Rakesh Kumar Himanshu Sarda Singh
लाइफ समय के साथ भागने लगी है,

         नाकामयाबी किस सोच को त्यागने लगी है

मुड़ेंगे नहीं पीछे अब कभी !

         क्योंकि! सफलता की उम्मीद अब जागने लगी है।

         जोश और मेहनत के साथ शुरुआत तो करी थी,

         मगर बीच में कहीं ना कहीं कमजोर तो हुआ था मैं,

         दोस्तों को छोड़कर और परिवार से दूर,

         थोड़ा तो अपने लिए मग्रूर हुआ था मैं ।

         लेकिन बढ़ते समय के साथ भटकने नहीं दिया खुद को,

         समय की डोर के साथ बांध लिया खुद को,

         अब उम्मीदों की किरण के साथ आगे बढ़ रहा हूं,

         वादा है भटकूंगा नहीं अब कहीं किसी ओर,

         बढ़ाऊंगा कदम सिर्फ लक्ष्य की ओर।

         क्योंकि, सफलता की उम्मीद अब जागने लगी है,

         और लाइफ समय के साथ भागने लगी है। #जिंदगी Prativa Giri Rakesh Kumar Himanshu Sarda Singh