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शहरे-बाज़ार में कितनी चहल क़दमी है; मेरा मन कित

शहरे-बाज़ार में कितनी चहल क़दमी है;
     मेरा मन कितना शान्त है ,

लोगों में दिवाली का कितना उत्साह है,
   मेरा मन कितना शान्त है;

पिछले बरस बिछड़े यार की क़सम, मैं उसे याद कर रोया नहीं,
मेरी आँखें कितना शान्त हैं !!

©Anoop Mohan #educationday #दीवाली
शहरे-बाज़ार में कितनी चहल क़दमी है;
     मेरा मन कितना शान्त है ,

लोगों में दिवाली का कितना उत्साह है,
   मेरा मन कितना शान्त है;

पिछले बरस बिछड़े यार की क़सम, मैं उसे याद कर रोया नहीं,
मेरी आँखें कितना शान्त हैं !!

©Anoop Mohan #educationday #दीवाली
anoopmohan9257

Anoop Mohan

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