अभी तो सिर्फ कुछ राहों पर चला हूं, मैं तो मंजिलों का आकाश ढूंढता हूं। अभी तो सिर्फ कुछ गर्दिशो से उभरा हूं, मै तो तूफानों से लडने का इत्तिफाक ढूंढता हूं। अभी तो सिर्फ कलकल बहती नदियां हूं मैं तो समुंदर बनने का प्रयास ढूंढता हूं। ----------आनन्द ©आनन्द #आनन्द_गाजियाबादी #ढूंढता #Anand_Ghaziabadi