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White ठोकर की भी किस्मत अजीब है पत्थर या इंसान से

White ठोकर की भी किस्मत अजीब है
पत्थर  या इंसान से,
जिसे लगती है।
उसकी किस्मत बन जाती है।
पर ठोकर गाली सुन जाती है।
अपनी कहानी थोड़ी अलग है,
ठोकर मेरे लिये पूज्य है।
यह लगती है, संभलने लिये।
यह लगती है,
दृष्टि खोल चलने के लिये ।
बढ़ना है तो बिन ज़ख्म के बढ़ो 
जख्मी होकर,
कोई दूर तक आगे कहां बढ़ा।

©#suman singh rajpoot
  #alone_quotes #writer