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घोर अंधेरों में हरपल खुद को घिरते देखा मैंने मन

 घोर अंधेरों में हरपल खुद को घिरते देखा मैंने 
मन के उजालों  से हरेक मुश्किल को जीता मैंने

हारती हूं हमेशा ही मै अपनों से अपनों की ही खातिर
वरना अच्छी तरह से जानती हूं कौन कितना है शातिर

ज़मीर बेचने वाले ही बात बात में ईमान की करते हैं
बेईमान ही बेहिचक अपने ईमान का सौदा करते हैं 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar
  #शातिर  वंदना .... Anshu writer N.B.S. Liker Boy Mili Saha Anuradha Sharma  Dayal "दीप, Goswami.. अभय (पथिक) MRS Sharma Bhardwaj Only Budana Ashutosh Mishra  Lalit Saxena R K Mishra " सूर्य " Yogendra Nath Yogi Shubham Raj Tiwari ख़्वाबों की दुनिया