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*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“30/03/2022”📝* *📙“बुधवार”�

*🖋️“सुविचार"🖋️* 
*📚“30/03/2022”📝*
*📙“बुधवार”🌟*

“जीवन” में हमारे “माता-पिता” एक गुरू जैसे ही होते हैं “माता-पिता” को अपनी “संतान” को समय के अनुसार “श्रेष्ठ संस्कार” देने चाहिए, “माता-पिता” को कभी उनका “विधाता” नहीं बनना चाहिए, किंतु हर समय सदैव “प्रयास” करना चाहिए कि वह अपने “बच्चों” को “उचित दिशा” दिखा पाए, कभी “कोमलता” से तो कभी “प्रेम” से,तो कभी “कठोरता” से उनकी “जीवन” को और “व्यक्तित्व” को आकार देना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार “मिट्टी का मटका” एक बार पकने के बाद उसका “आकार” नहीं बदला जा सकता ठीक उसी तरह “आयु बढ़ने” के पश्चात “संतान” के “संस्कारों” को नहीं बदला जा सकता,
इसलिए अपनी संतान को 
समय के अनुरूप “ढालना” सिखाइए और 
उन्हें “जीवन की कठिनाइयों” 
और “चुनौतियों” सामना करना सिखाइए...
*“अतुल शर्मा 🖋️📝*

©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* 
*📚“30/03/2022”📝*
*📙“बुधवार”🌟*

#“माता-पिता”  

#“गुरू”
*🖋️“सुविचार"🖋️* 
*📚“30/03/2022”📝*
*📙“बुधवार”🌟*

“जीवन” में हमारे “माता-पिता” एक गुरू जैसे ही होते हैं “माता-पिता” को अपनी “संतान” को समय के अनुसार “श्रेष्ठ संस्कार” देने चाहिए, “माता-पिता” को कभी उनका “विधाता” नहीं बनना चाहिए, किंतु हर समय सदैव “प्रयास” करना चाहिए कि वह अपने “बच्चों” को “उचित दिशा” दिखा पाए, कभी “कोमलता” से तो कभी “प्रेम” से,तो कभी “कठोरता” से उनकी “जीवन” को और “व्यक्तित्व” को आकार देना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार “मिट्टी का मटका” एक बार पकने के बाद उसका “आकार” नहीं बदला जा सकता ठीक उसी तरह “आयु बढ़ने” के पश्चात “संतान” के “संस्कारों” को नहीं बदला जा सकता,
इसलिए अपनी संतान को 
समय के अनुरूप “ढालना” सिखाइए और 
उन्हें “जीवन की कठिनाइयों” 
और “चुनौतियों” सामना करना सिखाइए...
*“अतुल शर्मा 🖋️📝*

©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* 
*📚“30/03/2022”📝*
*📙“बुधवार”🌟*

#“माता-पिता”  

#“गुरू”
atulsharma6011

Atul Sharma

New Creator

*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“30/03/2022”📝* *📙“बुधवार”🌟* #“माता-पिता” #“गुरू” #Thoughts #“प्रयास” #“जीवन #“श्रेष्ठ #“उचित #“संस्कार” #“चुनौतियों”