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समाज की पूर्णता है । समाज तबतक विक्षिप्त और विद

समाज की पूर्णता है । 

समाज तबतक विक्षिप्त और 
विदीर्ण तथा विकासरहित है 
जबतक समाज में बराबरी की 
संज्ञा विद्यमान नहीं है । 
केवल स्त्री ही नहीं बल्कि 
हर जीव में जबतक बराबरी नहीं है 
तबतक विकास और ज्ञानोत्थान 
सम्भव नहीं है । नमस्कार लेखकों। ✨

त्याग का दूसरा नाम नारी
सहनशीलता का अभिप्राय नारी
फिर क्यों पुरुषों से कमतर समझते उसे
अन्नपूर्णा है तो फिर चण्डी भी है नारी ।

हमारे #rzhindi पोस्ट के साथ collab करें और अपने विचार व्यक्त करें।
समाज की पूर्णता है । 

समाज तबतक विक्षिप्त और 
विदीर्ण तथा विकासरहित है 
जबतक समाज में बराबरी की 
संज्ञा विद्यमान नहीं है । 
केवल स्त्री ही नहीं बल्कि 
हर जीव में जबतक बराबरी नहीं है 
तबतक विकास और ज्ञानोत्थान 
सम्भव नहीं है । नमस्कार लेखकों। ✨

त्याग का दूसरा नाम नारी
सहनशीलता का अभिप्राय नारी
फिर क्यों पुरुषों से कमतर समझते उसे
अन्नपूर्णा है तो फिर चण्डी भी है नारी ।

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madhav1592369316404

Madhav Jha

New Creator

नमस्कार लेखकों। ✨ त्याग का दूसरा नाम नारी सहनशीलता का अभिप्राय नारी फिर क्यों पुरुषों से कमतर समझते उसे अन्नपूर्णा है तो फिर चण्डी भी है नारी । हमारे #rzhindi पोस्ट के साथ collab करें और अपने विचार व्यक्त करें। #yqbaba #YourQuoteAndMine #महिलादिवस #yqrestzone #collabwithrestzone #rzहरस्त्रीमें