मेरे शहर का आज मुझे खलता है। इस जिन्दादिल शहर की सडकों का सन्नाटा मुझे खलता है। जो कभी हमारे ठहाकों का अड्डा हुआ करता था, उस चौबारे का सन्नाटा मुझे खलता है। जो अँधेरी रातों मे नहीं ठहरा, आज उस शहर का ठहर जाना आज मुझे खलता है। ये सन्नाटा दिल को चुभता है। #सन्नाटा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi