तुम्हें पता भी नहीं चलेगा हम ऐसे खो जाएंगे इबादतों वाला इश्क़ दुहारने फिर कभी तेरे जेहन में ना आ पाएंगे सात समंदर पार भी कहीं हम तुम्हे मिल न पाएंगे तुम पता पूछती भटकोगी दर बदर हम तुम्हे कब्र की पत्थरों में अपनी मौजूदगी का पता लिख जाएंगे तुम्हारा ही दिया दर्द है हम तुमसे ही छिपा कर अपने दर्द का जनाजा उठाएंगे तुम चाहे जितना भी सँवार लो खुद को हम तुम्हे बुरी नजरो से बचाने तुम्हारी गली में काजल बेचने न आ पाएंगे आसमां में चांद को देख कर मुझे मत समझ लेना हम तो अमावस के चाँद है खुद को अंधेरे में दफन कर जाएंगे---अभिषेक राजहंस तुम्हें पता भी न चलेगा