मंजिल ए हमराही में न जाने कितने हमसफर छूटते हैं दूसरों के ख्वाबों को जीने से खुद के ख्वाब टूटते हैं और कोई हमसे ना रूठ जाए हयात के किसी मोड़ पर इसी कशमकश में हम खुद से कई बार रूठते हैं ©Bhuvnesh Chakrawal #Hamsafar #hamrahi #manjil #SAD #alone #Broken #Heart #mohabbat