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माँगी थी दुआ एक आशियाने की, आँधियाँ चल पड़ी जमाने

माँगी थी दुआ एक आशियाने की, 
आँधियाँ चल पड़ी जमाने की! 
मेरे दर्द को कोई समझ ना सका, क्योंकि आदत थी मुझे मुस्कुराने की!!

©PRAKASH GOURH ~> Azamgarh  तासीर ए जहर

तासीर ए जहर #शायरी

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