।।पंछी की गुहार ।। "" उड़ता परिंदा हूं उड़ लेने दो पर ना काटो मुझे भी जी लेने दो खुले आकाश का ही तो राजा हूं पिंजरे में रहने की ना सजा दो हौसलों की उड़ान भर लेने दो घर की शोभा बनाकर ना मुझे कैद करो नीला अंबर और नदिया का जल पीने दो खुद की खुशी के लिए ना मेरा शिकार करो उड़ता परिंदा हूं ऊड़ लेने दो पर ना काटो मुझे भी जी लेने दो धरा अंबर पर मेरा भी अधिकार है मेरे अधिकारों को मुझे भी लेने दो पेड़ पहाड़ मेरा घर परिवार है मेरे घर को तो ना नष्ट करो उड़ता परिंदा हूं उड़ लेने दो पर ना काटो मुझे भी जी लेने दो ।। "" ।। kanchan Yadav ।। #flyhigh #उड़तापंछी #