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दिल का आलम हैं तुम्हारी यादों में खोया, बेखुदी की

दिल का आलम हैं तुम्हारी यादों में खोया,
बेखुदी की रातों में तुम्हें पाने का सपना लिया।
दर्द की राहों में जीने का हौसला बनाया,
प्यार के समंदर में तुम्हारी ख्वाहिशों को समाया।दिल का आलम हैं तेरी यादों में उबासी,
अक्सर तुझे सोच कर गुजरते हैं हम रातें।
दर्द की तस्वीरें बन गईं हैं यादों में बसी,
तेरे बिना जीने की करते हैं अधूरी सांसें।

©Dinesh singh Dk
  dil ka alam

dil ka alam #शायरी

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