उफ़्फ़फ़फ़ आईना नहीं आंखों से सँवर जायेगे तेरे इश्क़ में हम और निखर जायेगे मिलने लगा सुकू तेरी यादों से अब सुन जालिम ये दौर यू ही गुजर जायेगे शहर की सुर्खियां है कमबख्त इश्क़ मेरा तुझे खबर ना बेदर्दी हम बिसर जायेंगे मांगा हैं खुदा से बड़ी मिन्नतों के बाद तोड़ डाल से ये फूल अब किधर जायेगे मान लिया है मंजिल इसको रीना तेरे दर के सिवा कोई और दर न जायेंगे #रीना