Nojoto: Largest Storytelling Platform

निकल चुकी है प्रेम कविताओं की प्रफुल हवाएं बैठे

निकल चुकी है प्रेम  कविताओं की प्रफुल हवाएं 
बैठे रहते है घर मे ही  अब... 
कही न जाए l
ब्लड प्रेशर  देखते रहे 
ब्लड सुगर अब रोज नपवाये  
आंसू और .आहो का क्या है  
दिन भर देखो शोर मचाये 
बीते दिनों की  यादे. उभरती 
नींद उड़ाए खूब  सताये 
चबता  अब  कुछ  भी नहीं  
बूढ़ी हुई है सभी  इच्छाएं 
क्या लेना  है अब नए से 
बस गुजरी आपबीतिया सुनाये 
शिथिल हुई है वो  प्रेम की सभी धाराएं   
पर इस "बाहुबली  बुढ़ापे. "  को  अब कैसे 
समझाये बाहुबली  बुढ़ापा..
निकल चुकी है प्रेम  कविताओं की प्रफुल हवाएं 
बैठे रहते है घर मे ही  अब... 
कही न जाए l
ब्लड प्रेशर  देखते रहे 
ब्लड सुगर अब रोज नपवाये  
आंसू और .आहो का क्या है  
दिन भर देखो शोर मचाये 
बीते दिनों की  यादे. उभरती 
नींद उड़ाए खूब  सताये 
चबता  अब  कुछ  भी नहीं  
बूढ़ी हुई है सभी  इच्छाएं 
क्या लेना  है अब नए से 
बस गुजरी आपबीतिया सुनाये 
शिथिल हुई है वो  प्रेम की सभी धाराएं   
पर इस "बाहुबली  बुढ़ापे. "  को  अब कैसे 
समझाये बाहुबली  बुढ़ापा..

बाहुबली बुढ़ापा..