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सही- ग़लत का फ़लसफ़ा सिर्फ इतना सा होता है जो देख

सही- ग़लत का फ़लसफ़ा 
सिर्फ इतना सा होता है
जो देखा और किया वो सही
और  जो अभी तक नहीं किया
वह ग़लत होता है....

पास- दूर का का दायरा
सिर्फ इतना सा होता है
जो दिल में है वो दूर रहकर भी पास
और जो दिमाग में है वो पास होकर भी 
दूर होता है....

खुशी -गम की दास्तां
सिर्फ इतनी सी है
जो आपके अपने हैं खुशी में खुश
और जो पराए हैं वह आपके
गम में खुश....
✍️✍️ सोना
Vinita Sharma

©Vinita Sharma
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