Unsplash तुझसे मिलने की चाहत है दिल में, फिर भी कुछ अंदर है ये उलझन। मैं इसे इकरार ही क्यों न समझूं, अभी तक कोई इंकार थोड़ी है। तेरे ख्यालों में खो जाता हूँ मैं, फिर भी तुझसे जुड़ी है ये कुछ कमी। क्या इसे इश्क़ कहूं, या फिर इक ख्वाब, अभी तक तो तेरे जवाबों में कोई सुलझन थोड़ी है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तुझसे मिलने की चाहत है दिल में, फिर भी कुछ अंदर है ये उलझन। मैं इसे इकरार ही क्यों न समझूं, अभी तक कोई इंकार थोड़ी है। तेरे ख्यालों में खो जाता हूँ मैं, फिर भी तुझसे जुड़ी है ये कुछ कमी।