ठंड से कांपते हम सबके शरीर एक रोज़ अपने अपने प्रेमियों के आगोश में राहत पाएंगे। हमारे प्रेयस अपनी हथेलियों में कैद बसन्त करेंगे आज़ाद हमारे बदनों पे। उनकी गर्माहट से यूँ सबका दिसंबर/जनवरी ख़त्म होगा। ईश्वर यही चाहते है।। ©Nikunj Manjari waiting for love #OneSeason