ज़िन्दगी के रंगीन चरण में से जब गुज़र रहे थे हम ख़ुद को बहुत ही ख़ास तब महसूस कर रहे थे हम ना जाने क़िस्मत ने मेरी कैसी पलटी मारी रँग उड़ गए ज़िन्दगी से सारे और बेरँग हो गए हम। #ज़िन्दगी_के_रंगीन_चरण_team_alfaz #newchallenge There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio) Today's Topic is ज़िन्दगी के रंगीन चरण