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मेरे देश मे बड़े ही दुर्भाग्य की बात ह जीत-जागता आद

मेरे देश मे बड़े ही दुर्भाग्य की बात ह
जीत-जागता आदमी कड़ा ह
फिर भी उसकी कोई पहचान न ह
identity प्रूफ करो,identity प्रूफ करो
सामने क्या तेरा बाप खड़ा ह।
कागज ह तो इंसान ह
वरना क्या वो कोई जादू की दुकान ह
जो खड़ा ह,क्या वो इंसान ना ह
सुच कहते ह corruption का बोल बाला हो गया ह
जीता जागता आदमी मर गया ह

सिस्टम वाले खुद के ही रूल बना लेते ह
जहां से पैसा मिले, वहाँ 
हाथ निकाल लेते हैं।
कब खुद से नही सम्भलता
तो अपना हुलिया छिपा लेते है।
पैसो के लिए 3-3बिचोलियों को खड़ा कर देते ह
पैसे देओ, साहब  बिजी ह,
कह के अपना पत्ता साफ कर लेते ह।
जीते जागते आदमी का घुमा फिरा के
भूत बना फेये ह।
कलम ह हमारे   हाथ मे,
हम बस लिख सकते ह।ओर Aआप बच ओर बचा सकते ह
इन  युवाओं को जगा सकते ह। क्या लिखूं अब
मेरे देश मे बड़े ही दुर्भाग्य की बात ह
जीत-जागता आदमी कड़ा ह
फिर भी उसकी कोई पहचान न ह
identity प्रूफ करो,identity प्रूफ करो
सामने क्या तेरा बाप खड़ा ह।
कागज ह तो इंसान ह
वरना क्या वो कोई जादू की दुकान ह
जो खड़ा ह,क्या वो इंसान ना ह
सुच कहते ह corruption का बोल बाला हो गया ह
जीता जागता आदमी मर गया ह

सिस्टम वाले खुद के ही रूल बना लेते ह
जहां से पैसा मिले, वहाँ 
हाथ निकाल लेते हैं।
कब खुद से नही सम्भलता
तो अपना हुलिया छिपा लेते है।
पैसो के लिए 3-3बिचोलियों को खड़ा कर देते ह
पैसे देओ, साहब  बिजी ह,
कह के अपना पत्ता साफ कर लेते ह।
जीते जागते आदमी का घुमा फिरा के
भूत बना फेये ह।
कलम ह हमारे   हाथ मे,
हम बस लिख सकते ह।ओर Aआप बच ओर बचा सकते ह
इन  युवाओं को जगा सकते ह। क्या लिखूं अब

क्या लिखूं अब