एक तारा नहीं टुटा इंतज़ार में आपके , बस ये समझये वक़्त का पता ही नहीं चला, आपके आते आते , रात कब ढली कब सवेरा हुआ, ख्यालों में आपके बस इंतज़ार ही हुआ , तारों ने हमसे कई दफा कहा, अँधेरा बोहोत हुआ इंतज़ार का , हम खुद को बहलाते रहे, आपकी तस्वीर देख देखके , जब सुबह हुयी तब होश आया , खुद को खुद से ही दूर पाया , जो आईना देखा तो साये में आप न थे , खुद को अकेला पाकर आपका ख्याल आया , फिर रात हुयी फिर सुबह हुयी, हम खामोश रहे , आसमा खामोश रहा , एक तारा नहीं टुटा बाकी सब हुआ । #yqdidi #yqbaba #challenge #yqdada #yqtales #yqthoughts #poetry #एकतारानहीं