White आधुनिक शादियां इंगेजमेंट,तिलकोत्सव व हल्दी से सजी आधुनिक शादियां, आकर्षक पंडाल,जगमग रोशनी और फूलों की मंहगी डालियां। विविध सेलिब्रेशन पोशाक में चमकती आमंत्रित नर-नारियां । कभी बाराती , तो कभी घराती का हिस्सा बनता रहा हूँ , ना बाराती को पहचान पाया, ना घराती को पहचान पाया हूँ। ना देखा वर-वधू का सिन्दुरदान, ना सात फेरों का विधान, देखा तो बस स्नेक्स,मेन कोर्स की वेज- नान वेज की थालियां, कहाँ हैं महिलाओं के मंगलगीत,रात भर बजने वाली शहनाइयां। सुनते नहीं वर के रिश्तेदारों को दी जाने वाली मीठी मीठी गालियां, अब तो डिस्को फ्लोर पर तेजगीतों पर नाचते हैं नचनियां। ना देखा वर वधु का सिन्दुरदान,ना सात फेरों का विधान, विवाह तो हो गयी प्रदर्शनी,वर वधु का होता है तामझाम प्रदर्शन। कभी देखादेखी कभी इंगेजमेंट के नाम पर हो जाता है दर्शन, ना तो होता निरीक्षण,ना होता वैवाहिक वैदिक आयोजन। महीनों से लुटे पीटे मां-बाप की कौन देखता बर्बादियां। फिर भी दुआ देते हैं, बेटी दामाद की सलामत रहे जिन्दगानियां। ©पूर्वार्थ #शादियां