जब चेहरे में इतनी खूबसूरत हंसी थी तो बोलो क्या कुछ कमी थी,,, बहुत कुछ पा लिया अब तो बोलो कहां गुम है वह हंसी,,, चलो हंसने के बहाने ढूंढते हैं बचकानी बातों में खिलखिलाकर हंसते हैं,,,, छोड़ो भी अब क्यों इतना समझदार बनते हो क्यों उलझे रहते हो क्यों बिगड़े रहते हो,,,, चलो कुछ गलतियों में हंसते हैं खुद पर चलो रूठते हैं मनाते हैं,,,