फबती नहीं हैं मेरे माथे की सिलवटें मुझपे. किसी दिन

फबती नहीं हैं मेरे माथे की सिलवटें मुझपे.
किसी दिन आओ न..अपने होठों 
से इस्तरी कर दो.
#हमतुम

©Manoj Nigam Mastana
  फबती नहीं हैं मेरे 
माथे की 
सिलवटें मुझपे.
किसी दिन आओ न..
अपने होठों 
से इस्तरी कर दो.
#हमतुम #Flower
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फबती नहीं हैं मेरे माथे की सिलवटें मुझपे. किसी दिन आओ न.. अपने होठों से इस्तरी कर दो. #हमतुम #Flower #शायरी

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