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तेरे संग गुजारे पल तेरे संग गुजारे पल ग्रीष्म काल

तेरे संग गुजारे पल

तेरे संग गुजारे पल
ग्रीष्म काल में ज्यों पीपल
रुत को ताजा करता है
मन को बाँधा करता है।

तेरे संग गुजारे पल
इतना पावन औ परिमल
तुलसी पत्र है होता ज्यों
ज्यों होता है गंगाजल।

तेरे संग गुजारे पल
चंदन के जैसा शीतल
विस्मृत कर दे हर वेदन
उर प्रविष्ट हो ये शतदल।

तेरे संग गुजारे पल
पड़े रहे किनारे पल
मनोभावों के जगने से
आज हुए हमारे पल।

©Hari Shanker Kumar
  #तेरे संग गुजारे पल

#तेरे संग गुजारे पल #कविता

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