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कभी रहते थे दूर मुझसे अब मुझ पे इख्तायर करते है मै

कभी रहते थे दूर मुझसे अब मुझ पे इख्तायर करते है
मैं शब्दों से प्यार करता हूं यह भी मुझ से प्यार करते है

कुछ सिलवटे थी दरमियाँ हमारे पर अब सब ठीक है
मेरे कलम हाथ में लेते ही यह ग़ज़ल तैयार करते है

है ये नटखट थोड़े कटे छटे बिखरे से जेहन में रहते है 
पर जब बैठते है तरतीब से तो कमाल मेरे यार करते है

हर लफ्ज़ का रंग है अलग,जुदा हर लफ्ज़ का स्वाद है
मिलते है साथ तो ये जायका एक नया तैयार करते है
 

 #yqdidi #witerscommunity #writersofinstagram #lafz #लफ्ज़ #अलफ़ाज़
कभी रहते थे दूर मुझसे अब मुझ पे इख्तायर करते है
मैं शब्दों से प्यार करता हूं यह भी मुझ से प्यार करते है

कुछ सिलवटे थी दरमियाँ हमारे पर अब सब ठीक है
मेरे कलम हाथ में लेते ही यह ग़ज़ल तैयार करते है

है ये नटखट थोड़े कटे छटे बिखरे से जेहन में रहते है 
पर जब बैठते है तरतीब से तो कमाल मेरे यार करते है

हर लफ्ज़ का रंग है अलग,जुदा हर लफ्ज़ का स्वाद है
मिलते है साथ तो ये जायका एक नया तैयार करते है
 

 #yqdidi #witerscommunity #writersofinstagram #lafz #लफ्ज़ #अलफ़ाज़