Power and Politics शबरी ने राम को खिलाए थे, शबरी को कौन खिलाएँगे ? जिस देश में धर्म का राज हो, वहाँ अच्छे दिन नहीं आएँगे। जहाँ एकलव्य की निष्ठा को, मिलबाँट के राजा खाएँगे, जहाँ धनवानों के लालच से, लाचार दबाए जाएँगे, जहाँ अंधकार के खेतों में, अज्ञानी बोए जाएँगे, जहाँ अलग अलग रँगों के परचम, शान से लहराएंगे, जिस देश में धर्म का राज हो, वहाँ अच्छे दिन नहीं आएँगे। रविकुमार #Politics शबरी ने राम को खिलाए थे, शबरी को कौन खिलाएँगे ? जिस देश में धर्म का राज हो, वहाँ अच्छे दिन नहीं आएँगे। जहाँ एकलव्य की निष्ठा को, मिलबाँट के राजा खाएँगे, जहाँ धनवानों के लालच से, लाचार दबाए जाएँगे, जहाँ अंधकार के खेतों में, अज्ञानी बोए जाएँगे, जहाँ अलग अलग रँगों के परचम, शान से लहराएंगे, जिस देश में धर्म का राज हो, वहाँ अच्छे दिन नहीं आएँगे।