White ग़ज़ल ख़ाक़ से ही तुम्हें बनाया है ख़ाक़ में ही तुम्हें मिलाया है देश को आगे क्या बढ़ाया है उसने बीड़ा अगर उठाया है साथ सबका वो दे नहीं सकता उसने फरमान ये सुनाया है खोखला हो रहा वतन मेरा क्या यही देश को बढ़ाया है जब से बैठा यही किया उसने शिर्फ नफ़रत को ही बढ़ाया है मैं यकीं क्यों करूँ किसी पर भी धोखा अपनों से मैने खाया है बैर रखता नहीं किसी से मैं हाँथ हर ऐक से मिलाया है बस उसी राह पर चलेंगे हम जो भी उसने हमें बताया है ये सियासत का खेल है "हरदीन" भाई अपना यहाँ पराया है चौधरी हरदीन कूकना ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA #GoodNight #गजल 'दर्द भरी शायरी'