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*वाचिक स्रग्विणी छन्द* 212 212 21

*वाचिक स्रग्विणी छन्द*
           212  212      212  212
       भक्ति दे शक्ति दे  माँ मुझे  शारदे।
       माफ कर के  सभी दोष तू प्यार दे।।

       शब्द दो कण्ठ दो  गीत गाऊँ तेरा।
       भक्ति तेरी करूँ    दर्श पाऊँ तेरा।।

       गीत तेरे ही गाऊँ      सदा मात मैं।
       तेरे चरणों की पाऊँ  कृपा मात मैं।।
      
       हार गीतों के नूतन    बनाऊँ सदा।
       गीत के हार नूतन    पिन्हाऊँ सदा।

      कर सकूँ दीन दुखियों के दुख दूर मैं।
      भर सकूँ हौसला ,   उनमें भरपूर मैं।।

©Ram Singh
  #Maa Sharde#
ramsingh2009

Ram Singh

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#maa Sharde# #कविता

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