ताल्लुकात जो उस से जिस्मानी करता है। खुद हि को शर्म से पानी पानी करता है। मिली जवानी इबादत मे खर्च करने को । और कहां पे तु बर्बाद जवानी करता है। जहाँ मे दाना तुम को सभी तो कहते हैं। फिर किस बिना पे तू ये नादानी करता है। खयाल भी ना लाना तुम उस को छुने क। खयाल ही तो आशिक को ज़ानि करता है। अगर है प्यार तो दिल से उसे कबूल कर । तू ऐसा मजनू प्यार मे बेईमानी करता है। हमे यकीन है के मनजी़ल मिलेगी तस्लीम। इरादा मज़्बूत हों तो खुदा आसानी करता है। ©Tasleem wais #Path Suman Zaniyan RJ PandiT