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एक ऐसा दौर आता है जिसमें हम अपने प्यार को ले के बह

एक ऐसा दौर आता है जिसमें हम अपने प्यार को ले के
बहुत ज्यादा भावुक होते हैं,
हम नही चाहते कि वो हमारी जिंदगी से यूँ चला जाए जैसे हाथों से रेत
 का फ़िसल जाना...
फिर उसके लिए हजार मिन्नतें, दुआए, करते हैं...
यहाँ तक की हम उससे इतनी बार फ़ोन कर देते है...
कि वो हमारा नम्बर ब्लैकलिस्ट या अपना नम्बर चेंज कर लेते हैं...
कितनी बार तो हम खुद की बेइज्जती भी करवा लेते हैं,और कितनी बार
 उसको बेइज्जत भी कर देते है...
दरअसल हमे उस वक़्त क्या करना चाहिए,
क्या नही करना चाहिए,इसका अहसाह नही रहता,
उस वक़्त सिर्फ एक ही चीज चलती रहती है,
वो मेरा है और मेरे साथ रहना चाहिए बस...
पर मैंने इन चीजों से सीखा है,
'वो मेरा रहे ' ये मेरे हाथ में है
'वो मेरे साथ रहे' ये उसके हाथ में है,
अगर आप चाहते हो वो मेरे साथ जिंदगी भर रहे तो ख़ुशी ख़ुशी उसे जाने दो...
क्योकि वो जाना चाह रहा है तो जाएगा ही
अगर आप रोकना चाहो तो भी नही रोक सकते,
हाँ ये जरूर होगा कि आप रोकने की चाह में अपनी इज्ज़त या उसकी
 इज्ज़त दोनों में से किसी एक या दोनों की ही इज्ज़त ले डूबेंगे,
फिर जो बच जाएगा वो नफ़रत औऱ अफ़सोस रहेगा...
इसलिए मेरे हिसाब से एक वक्त तक ही रिश्तों को संभालने की कोशिश की जाए...
उसके बाद अपना आत्मसम्मान बचाएँ...👍👍
वरना जिंदगी तुम्हें ऐसे हालात पर ले आएगी जिस हालात
 पर अभी मेरा सफर चल रहा है....

©पूर्वार्थ
  #प्रेम
#भावुक