क्यों तुम मुझसे रूठी हो कसमे खायी थी मैंने भी फिर तुम क्यों झूठी हो एक बार आकर देखो तो सही जो आंसू दिए है तुमने मेरे आँखों से सूखे या नहीं मुझे तो तुम्हे याद करना भी अच्छा लगता है तुम नफरत करती हो मुझसे तो जाहिर कर दो ना क्यों जी का जंजाल बना रही हो देखो ना कैसे आसमान भी फफक-फफक कर सुबह से रो रहा है देखो ना कैसे बूंदो के संग मेरा सब्र भी टपक रहा है और टपक रही है तुम्हारी यादे भी क्यों मेरा इंतजार बढ़ा रही हो आना है तो आ भी जाओ या जाते-जाते मेरे कब्र पर सजदा कर जाओ मैं खुदा से फरियाद कर तुम्हारे लिए ज़न्नत मुकर्रर करूँगा मौत के बाद भी मैं तुमसे ही प्यार करूँगा तुम मुझे चाहो या ना चाहो--अभिषेक राजहंस तुम मुझे चाहो या ना चाहो